बचा लिया तुमने आखिर,रोशन कर दी मेरी दुनियां परोपकार का अनुमिति करूँ या देवदूत का आभार या उपमा दूँ समता,साधर्म्य स्वीकार करूँ ये उपकार जो फला गर्भ में,जो मिला मुझे पोषण में ये संस्कार बचा लिया तुमने आखिर,लोभ का विस्तृत था ज्वार धन्य अनुभूति जिसमें रचा बसा मेरी माता का प्यार कर्म सादृश्य,रूपक अदृश्य हो सकते हैं। बचा लिया तुमने आख़िर... #बचालियातुमने #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #musings #poetry