घूमती हुई दुनिया कितनी अच्छी लगती है ना मानो इसका गुमाव हम ही जीवन रूपी ट्रेन में बैठकर कर रहे हो, वाहन में बैठकर हम क्या -क्या नहीं सोच लेते, कभी -कभी तो मंजिल आने पर भी उतरने का मन नहीं करता मानो हमारे बिना यह दुनिया चलेगी ही नहीं, थोड़े से रास्ते में भी यूं लगता है हमने संसार देख लिया है, सबकुछ कितना सुंदर, सुनहरा, अलग, मंझा हुआ लगता है, ठंडी हवाओं मैं जगह- जगह की संस्कृति,मिट्टी, प्रेम और भाव का आभास होता है, यूं लगता है असली जिंदगी ही सफर में है. ©Miss poojanshi #safar #gumtihuidunia