चाँद की मोहब्बत में हम पंख लगा के उड़ रहे, चाँदनी की शीतलता से हम सूर्य के ताप को भी सह गए, कर के पार सितारों की दीवार हम आसमान तक पहुंच गए, अहंकार को छोड़ के अपने हम सादगी मे ढल गए, क्रोध को कर अपने अधीन मन को शांत करके रह गए, क्या थे हम पहले क्या से क्या हम बन गए, क्या बताएं आपको इस प्यार मे इन्सान हम बदल गए, चाँद की मोहब्बत में हम पंख लगा के उड़ रहे! (डी) #चाँदमोहब्बत #collab #yqdidi #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Didi #authorofyq #yqbaba #pyar #mohabbat