वोह भी कैसी न-मुराद आग थी ना इधर बुझा सका, ना उधर लगा सका उसने खैंच दी ख़ाल मेरे जिस्म की ना क़फ़न बना सका, ना आँचल बना सका..!! #urdu #urdupoetry #poetry #shayri #shayriquotes #emotions #love