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हाथ मे धुंए की छोटी सी मशाल लिए खुद को मान बैठा बह

हाथ मे धुंए की छोटी सी मशाल लिए
खुद को मान बैठा बहुत खास
धुंए को भी अपनी सांसो के साथ 
जाने दिया अपने अंदर 
कहानी चलती रही बरसो 
अभी आलम ये है सांस तो लेता हूँ
पर उधार की 
क्यो की जिंदगी गवा बैठा 
बस हाथ मे धुंए की छोटी सी मशाल लिए
इसी मशाल से जला लिया खुद को
अब सोचता हूं खांस खांस से
की काश ये धुएं के कश न लगाएं होते तो
आज में बैठा होता एक स्वस्थ शरीर लिए

#धूम्रपान ना करे अपनो के लिए

©Surya #धूम्रपान #धूम्रपाननिषेध  #तम्बाकू #धुँआ 

#worldnotobaccoday  dhyan mira sarah Pranshi Singh Khushbu Shristi Yadav
हाथ मे धुंए की छोटी सी मशाल लिए
खुद को मान बैठा बहुत खास
धुंए को भी अपनी सांसो के साथ 
जाने दिया अपने अंदर 
कहानी चलती रही बरसो 
अभी आलम ये है सांस तो लेता हूँ
पर उधार की 
क्यो की जिंदगी गवा बैठा 
बस हाथ मे धुंए की छोटी सी मशाल लिए
इसी मशाल से जला लिया खुद को
अब सोचता हूं खांस खांस से
की काश ये धुएं के कश न लगाएं होते तो
आज में बैठा होता एक स्वस्थ शरीर लिए

#धूम्रपान ना करे अपनो के लिए

©Surya #धूम्रपान #धूम्रपाननिषेध  #तम्बाकू #धुँआ 

#worldnotobaccoday  dhyan mira sarah Pranshi Singh Khushbu Shristi Yadav