शायद मैं भी किसी भीड़ में, एक रोज़ खो जाऊँगा ... जगने से पहले ही शायद, एक रोज़ सो जाऊँगा.... आँख बन्द होने से पहले, दर्द किसी के हर पाऊँ... मौला इतना कर पाया तो, मैं कुंदन हो जाऊंगा.... इतना कर पाया तो कुंदन, एक रोज हो जाऊंगा... #कुंदन Ritika suryavanshi