Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat मोहब्बत कमाल की थी। मोहब्बत कलम तोड़ थी। जब हाथो में हाथ थे। खुमारिंया मस्तिक्ष्क में। उड़ान भरने लगी। काफ़िर बना दिया। देख की खुद को उनमे मेने कर लिया इश्क उनसे बिना जाने, बिना पहचाने ह्रदय से लगा लिया उनको फिर से जोड़ लिया नाता मेने आग से हो गया वास्ता इश्क से ओर बन गया रिस्ता नारी से