क्या लिखूँ केमिस्ट्री बेवफा... (चेतन वर्मा) केमिस्ट्री बड़ी बेवफा चीज है आज रटता हूं, कल तक सफा चीज है तुम कहोगे कि भैया, समझ-कर पढ़ो कैसे समझू अपवादों की यह खीर है तुम मिले हमें असंतृप्त हाइड्रोकार्बन की तरह हम फिरते रहे आवारा हाइड्रोजन की तरह चलो समझाया खुद को , केमिस्ट्री है इश्क फिर क्वांटम क्यों निकली बेवफा थर्मोडायनेमिक्स को तो पता ही नहीं चुटियापा काट रहा कार्बन ,हाइड्रोजन के साथ दफा केमिस्ट्री बड़ी बेवफा चीज है आज रटता हूं, कल तक सफा चीज है ©Chetan Verma #chemistry #Love #PoetInYou