संकट मे आजादी, यह बढ़ती आबादी/ जीवन सुलभ साधनों की अब न रही ज्यातादी/ बिस्फोटक उन्मादी, यह बढ़ती आबादी// कुछ कहते हैं हम क्या उसने खुद दी, यह उसकी है मरजी. यह कहना ज्यतादी// संकट में आजादी/ ©bajpaimahanand@gmail.com जनसंख्या दिवस पर