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माना कुछ शिकवे जायज़ हैं तुम्हारे, मगर जो कहूँ कुछ,

माना कुछ शिकवे जायज़ हैं तुम्हारे,
मगर जो कहूँ कुछ, तो सुन ये भी लो.....
जो तुम्हारा नाम लेते ही वो खामोश रागिनी भी कुछ बातें बनाने लगती है,
तो क्यों पूछते हो तुम, की तुम राह हो या मंजिल मेरी....
क्यों कहते हो कि सुबह होते ही तो बस चल दोगे ना, 
अपनी राह-ए-रागिनी को करके तन्हा.....

सच कहूँ, मेरा बस चले तो सुबह आने ही ना दूँ,
भला तुम्हारी शुआओं से बेहतर भी दीवाली क्या होगी......!!   #coversation #दीवाली #नज़्म #YQ  #yqdidir
माना कुछ शिकवे जायज़ हैं तुम्हारे,
मगर जो कहूँ कुछ, तो सुन ये भी लो.....
जो तुम्हारा नाम लेते ही वो खामोश रागिनी भी कुछ बातें बनाने लगती है,
तो क्यों पूछते हो तुम, की तुम राह हो या मंजिल मेरी....
क्यों कहते हो कि सुबह होते ही तो बस चल दोगे ना, 
अपनी राह-ए-रागिनी को करके तन्हा.....

सच कहूँ, मेरा बस चले तो सुबह आने ही ना दूँ,
भला तुम्हारी शुआओं से बेहतर भी दीवाली क्या होगी......!!   #coversation #दीवाली #नज़्म #YQ  #yqdidir