Nojoto: Largest Storytelling Platform

हर वक्त, हर वक्त की तरह ना रहा करो महफ़िल में हो,

हर वक्त, हर वक्त की तरह ना रहा करो

महफ़िल में हो, तो ज़रा महफ़िल में रहा करो

ये नासूर, ये मोहब्बत तो अब हर वक्त तुम्हारी है

ऐ दोस्त

अब हमे भी हर वक्त, वक्त नहीं मिलता ज़रा समझा करो #दोस्त #यारी #महफिलें #पुरानियादें Ritika suryavanshi Vaishali Chauhan SIR JI ✍ *Ruchi* ki kalam se✍ Pakhi Gupta
हर वक्त, हर वक्त की तरह ना रहा करो

महफ़िल में हो, तो ज़रा महफ़िल में रहा करो

ये नासूर, ये मोहब्बत तो अब हर वक्त तुम्हारी है

ऐ दोस्त

अब हमे भी हर वक्त, वक्त नहीं मिलता ज़रा समझा करो #दोस्त #यारी #महफिलें #पुरानियादें Ritika suryavanshi Vaishali Chauhan SIR JI ✍ *Ruchi* ki kalam se✍ Pakhi Gupta