रखता था वो मूछों को ताव देकर, चलता था वो अपनी पिस्टन साथ लेकर। मरकर भी वो मरा नहीं आजाद अमर होकर, क्योंकि चंदशेकर जीता था निडर होकर।। चंद्रशेखर को समर्पित ©pandit sohit sharma #our freedom fighter