कदमों की आहट सुनते ही मैं पिछे मुडा कोई नहीं था रास्ते पर,सिर्फ में था खडा चारो और थी खामोशी और थोडा कोहरा था साथ थी तन्हाई और यादों का बसेहरा था.. चलते चलते कब घर आया पता नहीं चला तुम्हारे संग होने से ही जीवनका हर पल खिला रात के इस सफर में ना कोई हमसफर मिला कदमों की आहट सुनते ही मैं पिछे मुडा.. ©ram gagare #aahat #hindi_quotes #hindi_kavita #nojotahindi #nojotoapps #views #follow