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आज फिर ये रात आसुओं में ही बितानी है ! दिल में दबी

आज फिर ये रात आसुओं में ही बितानी है !
दिल में दबी बातें दिल में ही दफन करनी हैं !
खुद को महसूस हो तभी मुझे समझना
अब मेरी आवाज तो मुझे ख़ामोश रखनी है !

हर बार की तरह अब गलतियां नहीं दोहरानी हैं !
टूटते सितारों से अपनी ख़्वाहिशें नहीं मांगनी है !
कुछ जरूरी होगा तो रब मेरे हिस्से में देगा
अब किसी मन्नत के लिए दुआ नहीं करनी है !

©Meenu Dalal@185
  #185

185 #Shayari

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