डगमगाए, बिगड़ जाए, अंधेरी हो कर, फिर आफताब हो जाए। भूल जाए पिछली बातों को, अगली बातों से पहले, काश ये दुनियां शराब हो जाए।। कलह हो जाए, सुलह हो जाए, बदतमीज़ हो जाए, फिर वैसी ही जनाब हो जाए। भूल जाए पिछली रातों को, अगली रातों से पहले, काश ये दुनियां शराब हो जाए।। इनको भी ज़हन में लाए, उनको भी ना भूला पाए, कभी इनकी नीयत दिखाए, कभी उनकी असलियत दिखाए। फिर भूल जाए पिछली मुलाकातों को, अगली मुलाकातों से पहले, काश ये दुनियां शराब हो जाए।। #Shaayavita #SHARAAB #शराब #Forget #forgetpast #Nasha