तुम आज भी याद हो कल की तरह, जैसे पिछले पहर हुई मुलाक़ात की तरह । नयनों का सरोवर अब सूखने के कगार पर हैं, आ जाओ कभी बेमौसम बरसात की तरह । चल रही हैं सांसे बिना किसी वजह से, चले आओ कभी रगो में उमड़ते जज़्बात की तरह । तेरे होंठो पर रुक जाए मेरा नाम तो ठीक हैं, नहीं तो ले लेना मेरा नाम बेबात की तरह । हकीकत हसीन नहीं होती हैं पता हैं मुझे, पर तुम ख्वाबों में आ जाना खूबसूरत ख्यालात की तरह । #कहानी #किरदार #यादें #ishq #adhurikahani