फूलों की कस्ती है भवर में इन फूलों को उठा ले या काँटो कि कस्ती तेरे दर पर तू इन्हें बिछा ले सुख का सूरज है तेरे अंदर तू इसको जगा ले या दुख की बाती तेरे दिए में तू इसको बुझा ले तू खुद बरसात बनकर इस जग को भीगा ले या दुख के बादल छुपे नभ में तू इनको जगाले #nojotohindi #kaviuk01 #motivatinalpoetty #onlinepoetry #hindipoetry #inspirationalpoem