Nojoto: Largest Storytelling Platform

कुछ चीज़ें ऐसे बदल जाते हैं ;जैसे मौसम, कुछ बातें ऐ

कुछ चीज़ें ऐसे बदल जाते हैं ;जैसे मौसम,
कुछ बातें ऐसे कर लेते हैं; जैसे ही बहुत आम।
पहले मुस्कराने का वजह पता न था,
आज लफ्ज़ न मिलने पर हँसना पड़ता है।
पहले नोक झोंक भी हो जाया करता था,
अब सिर्फ जज्बात-ए-इज़हार रोकना पड़ता है।। #जज्बाती_अल्फाज़
कुछ चीज़ें ऐसे बदल जाते हैं ;जैसे मौसम,
कुछ बातें ऐसे कर लेते हैं; जैसे ही बहुत आम।
पहले मुस्कराने का वजह पता न था,
आज लफ्ज़ न मिलने पर हँसना पड़ता है।
पहले नोक झोंक भी हो जाया करता था,
अब सिर्फ जज्बात-ए-इज़हार रोकना पड़ता है।। #जज्बाती_अल्फाज़