ram lalla राम नाम राम नाम जपे हर कोई । पर राम सम

ram lalla राम नाम 

राम नाम जपे हर कोई ।
पर राम समझ ना पाया है।
मर्यादा में जो हैं रहते,
वही राम कहलाया है।
पुत्र धर्म अपनाया  जिसने,
रघुकुल रीत निभाई है।
अपना सर्वस्व त्याग उन्होंने,
वन से प्रीत लगाई है।
अयोध्या के राजा बनते बनते,
जिसने वेश मुनि का  पाया है ।
है जगत में कौन भला राम सा,
जिसने अपना सर्वस्व लुटाया है।
अहिल्या की पीड़ा हर कर के, 
उन्होंने स्त्रीत्व का मान बढ़ाया है।
शबरी के झूठे बेरों को भी,
 प्रेम से भोग लगाया है।
ऋषि मुनियों के मान में,
सम्मान से शीश झुकाया है।
इंसानों को ही नही अपितु ,
पशुओं को भी गले लगाया है।
अहंकार, द्वेष की भावना को,
भूलने का पाठ पढ़ाया है।
ऐसे कृपालु राम की शरण में, 
सुग्रीव, विभीषण भी आया है।
स्वयं नारायण का रुप होकर,
शिव को आराध्य बनाया है।
निष्ठा प्रेम से भक्ति कर,
लंका का मार्ग सुझवाया है।
अपनी जीत छोड़कर जिसने,
रावण का शोक मनाया है ।
ऐसे तपस्वी राम ने,
अपना धर्म निभाया है।
राम योद्धा, राम तपस्वी,
राम सकल गुण ज्ञाता हैं।
राम चरित्र अपनाया जिसने,
उसे भोग, विलास नही भाता है।

रश्मि वत्स।
मेरठ (उत्तर प्रदेश)

©Rashmi Vats
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