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ना जाने क्यूं आजकल धुंधला है आईना। ये शब की बू

ना जाने क्यूं आजकल धुंधला है आईना।
    ये शब की बूंदे है,या आंखों की नमी।।
banjara।।।

©Vinod
  शायरी, ग़ज़ल, प्रेरक प्रसंग, कहानी, कविता संग्रह।
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Vinod

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