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शायरी की दुकान खोलो तो शायरी की बारिश सोच कर देख

शायरी की दुकान 
खोलो तो शायरी की बारिश 
सोच कर देखो तो शायराना झोंक
ना जाने कब क्या लिख जाए
भला कौन इसे बदल सके
इक रूप को बदले तो 
दूसरा नया बन जाए।  Dedicating a #testimonial to Mɽ BhÃtï
#qutodidi
शायरी की दुकान 
खोलो तो शायरी की बारिश 
सोच कर देखो तो शायराना झोंक
ना जाने कब क्या लिख जाए
भला कौन इसे बदल सके
इक रूप को बदले तो 
दूसरा नया बन जाए।  Dedicating a #testimonial to Mɽ BhÃtï
#qutodidi