तुम्हे जीने की सुहूलत तुम जियो हमारा तो मरना भी गंवारा नहीं चाहे जो समझना चाहें समझ लें किरदार अपना कतई आवारा नहीं टूट जाते हैं यह ज़िन्दगी संवारने में हम लोगों का मुश्किल सहारा नहीं भेदभाव सियासत में गहरे धंसा हुआ मुहब्बत का हर किसी को इशारा नहीं जिंदगी बड़ी आसान होती थी हमारी आसानी का भी हमारे कहीं गुज़ारा नहीं ©Tauheed Shahbaz Anwar #darkness #shahbazwrites #passion4pearl #equality #Society #Life