दो दोस्त थे , दोनो एक दुसरे के दिल में रहते थे । दोनो के बीच बहुत गहरी दोस्ती थी । इतना गहरी दोस्ती हो गई थी , की दोनो एक दूसरे के बगैर एक पल भी रह नही पाते थे । लोगो की नजरो में इन दोनो की दोस्ती बिल्कुल आखरी पड़ाव पर थी । लोगो का बस यही कहना था , कि ये दोनों दोस्ती को प्यार में बदल कर जिंदगी भर के लिए एएक हो जाएंगे । या फिर बात को लेकर तकरार करके जिंदगी भर के लिए एक दूसरे से अलग हो जायेंगे । और यही बात एक सच साबित हुई। एक दिन इन दोनों के बीच किसी बात को लेकर तकरार हो गई । लड़की ने कही की मैं नही जानती थी कि तुम इतना बड़ा धोखेबाज निकलोगे। दोस्ती मेरे साथ करके रगरलिया किसी और के साथ मनाओगे । लड़का ये क्या घिनौनी आरोप लगा रही हो मुझपे । ऐसा आरोप लगाने से पहले एक बार सोच तो लेती भला , कि जो लड़का तुम्हारे साथ चार साल रहकर भी तुम्हें छोड़ने की इरादे से एक उंगली तक नहीं लगाया । तो फिर गैर अनजान औरत के साथ रंगरलियां कैसे माना सकता हूं । लड़की ,लेकिन मुझे तुम पर सक है, और इसलिए मैं तुम्हारे साथ नही रहना चाहती । # लड़का तो ठीक है , एस्मे लड़ने झगड़ने क्या बात है , तुम अपना दिल अपने पास रखो, और मेरा दिल मुझे दे दो और मुझहेमेरे हाल पर छोड़ दो । मैं आपकी नजरों में गलत है , पर खुद के नजरों में कल भी पवित्र था, और आज भी हूं । गुड बाय ।। ©Ashraf Ali दो दोस्त की गहरी दोस्ती,#WorldOrganDonationDay