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लहराते खेत खलिहानों को ताके खुश हो झूम मदमस्त हुआ

लहराते खेत खलिहानों को ताके खुश 
हो झूम मदमस्त हुआ किसान बारिश 
की हर इक फुहार को लिए हाथ 
में चूमे माटी का गोला... 
-वेद प्रकाश

©VED PRAKASH 73
  #कविता_4