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हिन्दुस्तान की शान और आन है हिंदी, भारत मां के




हिन्दुस्तान की शान और आन है हिंदी, भारत मां के माथे की बिंदी है हिंदी।
जन-जन की वंदनीय है हिंदी, सारे भारतीयों के लिए मां सम है हमारी हिंदी।

अलंकारों और रसों से सदा अलंकृत कभी श्रृंगार, कभी करुण रस में डूबी हिंदी।
छंदों, दोहों से सदा सुशोभित सोरठा और रोला का भी ज्ञान कराती रहती हिंदी।

स्वाधीनता संग्राम से ले ज्ञान- विज्ञान व मनोरंजन तक सबको स्नेह-सूत्र में पिरोती,
असंख्य भारतीयों के भावों, विचारों, प्रेम, सद्भाव और एकजुटता की भाषा है हिंदी।

बचपन में पिता की डांट से लेकर, मां की लोरियां तक बस सब है हिंदी ही हिंदी।
स्कूल की किताबों से लेकर, पक्के यारों की टोलियां तक सभी में है अपनी हिंदी।

विविधताओं से भरे देश में लगी भाषा की फुलवारी, सब भाषाओं में प्यारी हिंदी।
मातृभाषा हमारी हिंदी, सुंदरता,सरलता व सौम्यता की खान और भंडार है हिंदी।

वेदों का प्यार, गीता का सार, धर्म का आधार लिए प्राचीनतम भाषा है हिंदी।
कवियों की वंदनीय, ऋषि मुनियों की संगिनी वैदिक और पावन भाषा है हिंदी।

हिंदी की सुरीली वाणी, हमें लगे हरपल प्यारी, सभी लेखकों का अभिमान है हिंदी।
हिंदी मेरी पहचान, हिंदी में बसती हमारी जान, हिंदी का हम सब करें सदा सम्मान।
-"Ek Soch"
 👉आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.. 
💐💐💐

👉 ये हमारे द्वारा आयोजित प्रतियोगिता संख्या - 29. है आप सब को दिए गए शीर्षक के साथ Collab करना है..!

👉 आज आप अपनी रचनाओं को अपने अनुसार कितनी भी पंक्ति में लिख सकते हैं..!

👉Collab करने के बाद Comment box में Done जरूर लिखें,और Comment box में अनुचित शब्दों का प्रयोग न करें..!



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जन-जन की वंदनीय है हिंदी, सारे भारतीयों के लिए मां सम है हमारी हिंदी।

अलंकारों और रसों से सदा अलंकृत कभी श्रृंगार, कभी करुण रस में डूबी हिंदी।
छंदों, दोहों से सदा सुशोभित सोरठा और रोला का भी ज्ञान कराती रहती हिंदी।

स्वाधीनता संग्राम से ले ज्ञान- विज्ञान व मनोरंजन तक सबको स्नेह-सूत्र में पिरोती,
असंख्य भारतीयों के भावों, विचारों, प्रेम, सद्भाव और एकजुटता की भाषा है हिंदी।

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स्कूल की किताबों से लेकर, पक्के यारों की टोलियां तक सभी में है अपनी हिंदी।

विविधताओं से भरे देश में लगी भाषा की फुलवारी, सब भाषाओं में प्यारी हिंदी।
मातृभाषा हमारी हिंदी, सुंदरता,सरलता व सौम्यता की खान और भंडार है हिंदी।

वेदों का प्यार, गीता का सार, धर्म का आधार लिए प्राचीनतम भाषा है हिंदी।
कवियों की वंदनीय, ऋषि मुनियों की संगिनी वैदिक और पावन भाषा है हिंदी।

हिंदी की सुरीली वाणी, हमें लगे हरपल प्यारी, सभी लेखकों का अभिमान है हिंदी।
हिंदी मेरी पहचान, हिंदी में बसती हमारी जान, हिंदी का हम सब करें सदा सम्मान।
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