निद्रावस्था में, व्यतीत किया मैंने शैशव अपना है वो चार पलों की वापसी बन गया एक सपना है आँखे खुलीं, सूर्योदय हुआ रजनी का फिर प्रस्थान हुआ ऊर्जा का शरीर में आगमन हुआ रातोंरात वस्त्र छोटे हो गए जब जाना तो बचपन मेरा योवन हुआ कल तक जो शिशु था आज प्रभात मैं युवा हुआ youth