पहला नशा था वह मेरा, जब पहली बार तुझे देखा था सफ़ेद चादर ओढ़ हुए नया एक सवेरा था धुंधला धुंधला नज़र आ रहा था जो एक चेहरा था झुकी हुई आंखों से शायद वह कुछ कह रहा था वह रात जो बीता ही नहीं सुकून से सारी रात आंखों पर बस तेरा ही पहरा था एक रंग जो दे गया मुझे वह इश्क का वह रंग बड़ा गहरा था था वह मेरा पहला नशा जिसमें मैं बस बह रहा था #PehlaNasha #nojoto #friends #all #writer #shayari