आत्मा है स्वार्थी,परमार्थ आता ही नहीं है ll छोड़करके स्वार्थ को, कुछ और भाता ही नहीं है ll लोग ऐसे हो गए हैं, आजकल संसार में सब ll दूसरे के सुख में कोई, सुख को पाता ही नहीं है ll ©aakashsaral Aakash saral #manavta #Poetry