मैं किसी अंजान से बातें कर रहा हूँ, उसके ख्वाबों को अपना बना रहा हूँ। मगर अब वो अंजान नहीं लगता, बरसों की जान पहचान हो गयी बस कुछ दिनों में। मैं कुछ भी कहने से पहले सोचता हूँ, वो बस कह देती और मैं मुस्कुरा देता। मगर एक अजीब सा डर भी समाया हुआ है, शायद अतीत का कोई जख़्म वापस उभर आया है। शायद फिर से सब वही हो, या इस बार सब सही हो.. किसे पता? हाँ, सब फिर से नया सा लग रहा है, फिर उम्मीद का दामन हाथ थाम रहा। मैं किसी अंजान से बातें कर रहा हूँ, मगर अब वो अंजान नही लगता... #yourquotebaba #yourdidi #yqbaba #yqdidi #love #lovequotes #life