ज़िन्दगी से खफ़ा क्यों हैं। खुद से, हीं, जुदा क्यों हैं। मौत-ज़िन्दगी नित्य क्रम। पहले हीं से,फ़ना क्यों हैं। संजय 'मंथन' 8800176735