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सूर्य का जग में नवल उन्मेष हो भ्रांति का कोई न मग

सूर्य का जग में नवल उन्मेष हो
भ्रांति का कोई न मग अब शेष हो
हो सुशासन देश में , संदेश यह--
मुस्कराता उल्लसित परिवेश हो ।।

©arti Saxena
  #parivesh