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फिरत फिरत भेटे जन साधु पूरे गुर समझाया।। आन सगल बि

फिरत फिरत भेटे जन साधु पूरे गुर समझाया।। आन सगल बिध काम न आवै हर हर नाम धयाया।।

अर्थ:- भटकते-भटकते मेरी भेंट पूरे साधुओं से हुई जिन्होंने मुझे पूरे गुर यानी नाम धयाने के वह टेलेंट से अवगत करवाया जिससे हमारा मन निराकार प्रकाश समा सके।। उन्होंने हमें यह भी समझाया कि ओर कोई भी तरीका जो दुनिया अपनाती है वह काम नहीं आएगा परमेश्वर से मिलने के लिए और मन को केवल एक हरि प्रकाश का नाम यानी वह गुर व टेलेंट को ही use करना होगा यानी निराकार को ध्याना होगा।।

©Biikrmjet Sing #हरिनाम
फिरत फिरत भेटे जन साधु पूरे गुर समझाया।। आन सगल बिध काम न आवै हर हर नाम धयाया।।

अर्थ:- भटकते-भटकते मेरी भेंट पूरे साधुओं से हुई जिन्होंने मुझे पूरे गुर यानी नाम धयाने के वह टेलेंट से अवगत करवाया जिससे हमारा मन निराकार प्रकाश समा सके।। उन्होंने हमें यह भी समझाया कि ओर कोई भी तरीका जो दुनिया अपनाती है वह काम नहीं आएगा परमेश्वर से मिलने के लिए और मन को केवल एक हरि प्रकाश का नाम यानी वह गुर व टेलेंट को ही use करना होगा यानी निराकार को ध्याना होगा।।

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