जैसे कि गीत कोई, बिना सुरताल बन गया, वैसे ही तेरा मेरा रिश्ता, एक सवाल बन गया। अभी तो ठीक से बात, शुरु भी नहीं हुई थी, कि तेरे मेरे साथ पर, बवाल बन गया। चाह कर भी मैं नहीं जा पाता, जाने क्यों दूर तुमसे, शायद तेरा आगोश मेरे लिए, जाल बन गया। सोचता हूं यही, कि ना सोचूं तेरे बारे में, दीवानों के जैसा मेरा, हाल बन गया। तुझसे मिलके लगता मुझे, खजाना मिल गया कोई, तेरे जाते ही लगता मैं, कंगाल बन गया। देखते ही देखते तुम गैर से, अपने लगने लगे, 'ओमबीर काजल' ये रब का कोई, कमाल बन गया। 💓Ombir Kajal💓 ©Ombir Kajal बन गया