दिल चाहता है,कोई पैग़ाम मिल जाए ख़ामोशी को जो समझ ले,वो ज़ुबान मिल जाए ना बाकी हो कोई हसरत,ना रहे दिल में कोई तमन्ना जिस सफ़र की न हो मंज़िल,वो मुकाम मिल जाए... © abhishek trehan आज #dnd_शामएनज़्म में आपको उपर्युक्त शब्द "अल्फ़ाज़" का प्रयोग करते हुए शायरी/गज़ल/नज़्म/शेर या आपकी पसंद की किसी भी विधा पर रचना पूरी करनी है। Krati Agrawal 🤓 Syed Aabidhussain Amit Chandak इन लेखकों की रचनाएं #dndइबादत पर सबसे बेहतरीन रहीं। हार्दिक बधाई 😊❤ • शब्द सीमा की कोई पाबंदी नहीं है।