मेहनतकश लोग दो वक्त की रोटी के लिए, अरक़ नहीं खून बहाते हैं, ज्यादा नहीं सिर्फ परिवार की खुशी के लिए, उम्मीद ए आस लगाते हैं। कहा वो ज़माने भर की खुशियों के लिए, चाह किया करतें हैं, जहां थक हार कर........... आंख लग जाए, वहीं सो जाया करतें हैं। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "अरक़" "araq" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है पसीना, रस, खींचा हुआ पानी, निचोड़ा हुआ पानी एवं अंग्रेजी में अर्थ होता है sweat, perspiration, essence. अब तक आप अपनी रचनाओं में पसीना, रस शब्द का प्रयोग करते आए हैं। उसकी जगह आप इस उर्दू शब्द अरक़ का प्रयोग कर सकते हैं। ♥️ उदाहरण :- सोचा भी तुम ने दश्त चमन कैसे बन गया मेहनत का ये अरक़ ये पसीना नहीं तो क्या