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बरसों बाद मिले वो ..............मिस्ल ए बुत हो गए।

बरसों बाद मिले वो ..............मिस्ल ए बुत हो गए।।
बेइंतिहा मुज़ालिस हुआ दुःख आंँखों से बयाँ हो गए।।

पथराई नज़र  के  सवाल  दूर तलक कोसते  रहे हमें।।
प्यार की  दुनिया सपने  सजीले सब कैसे रवांँ हो गए।।

सर्कशी मेरे खुदा से है  बावजू  चाहत थी वो दिल‌ की।।
चुभती ख़ामोशी के लफ्ज़ भरी महफिल गूंँगा कर गए।।

जाहिरन ज़माने को दिखाने के लिए बेइंतेहा खुश हैं वो।।
किरकरें  सुर  में........... खुशी का बखान जो कर गए।।

उनकी  मुस्कुराहट  हमारे ..... जीने  का   मक़सद  थी।।
दीदा ए पुर नम चश्म  हमें अंदर से......मग्लूब कर गए।।
 सुप्रभात,
🌼🌼🌼🌼

🌼आज का हमारा विषय "चुभती ख़ामोशी" एक ऐसा विषय है जो किसी अपने के ख़ामोश होने से जिस पीड़ा का अनुभव होता है, उस अहसास को शब्दों में ढालने का एक प्रयास कीजिए...
आशा है आप लोगों को पसंद आएगा।

🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए।
बरसों बाद मिले वो ..............मिस्ल ए बुत हो गए।।
बेइंतिहा मुज़ालिस हुआ दुःख आंँखों से बयाँ हो गए।।

पथराई नज़र  के  सवाल  दूर तलक कोसते  रहे हमें।।
प्यार की  दुनिया सपने  सजीले सब कैसे रवांँ हो गए।।

सर्कशी मेरे खुदा से है  बावजू  चाहत थी वो दिल‌ की।।
चुभती ख़ामोशी के लफ्ज़ भरी महफिल गूंँगा कर गए।।

जाहिरन ज़माने को दिखाने के लिए बेइंतेहा खुश हैं वो।।
किरकरें  सुर  में........... खुशी का बखान जो कर गए।।

उनकी  मुस्कुराहट  हमारे ..... जीने  का   मक़सद  थी।।
दीदा ए पुर नम चश्म  हमें अंदर से......मग्लूब कर गए।।
 सुप्रभात,
🌼🌼🌼🌼

🌼आज का हमारा विषय "चुभती ख़ामोशी" एक ऐसा विषय है जो किसी अपने के ख़ामोश होने से जिस पीड़ा का अनुभव होता है, उस अहसास को शब्दों में ढालने का एक प्रयास कीजिए...
आशा है आप लोगों को पसंद आएगा।

🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए।
mrsrosysumbriade8729

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