*शिक्षा:-* दोस्तों! क्रोध मनुष्य की वह अवस्था है जो जीत के नजदीक पहुँचकर हार का नया रास्ता खोल देता है। क्रोध न सिर्फ हार का दरवाजा खोलता है बल्कि रिश्तों में दरार का कारण भी बनता है। इसलिये कभी भी अपने क्रोध के ताप से अपने फूल रूपी गुणों को मुरझाने मत दीजिये। *सदैव प्रसन्न रहिये।* *जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।* ©KAVI.SONU KADERA ताजगी #सबूत #spark