माना ज्योत्सना तुम्हें लिखने का बड़ा शौक है । कलम सुकून का वो खंजर है, जिसका बड़ा नुकीला नोक है । मगर क्यों तू बोलने में, डरपोक है । लफ़्ज़ों के परिंदों को उड़ने दो इस जहां में, सरहद थोड़ी ना है,जहाँ आने जाने में रोक है । ©Jyotshna 24 उड़ने दो #उड़नेदो#नोजोट