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करम होवै सतगुरु मिलाये।। सेवा सुरत सब्द चित लाये।।

करम होवै सतगुरु मिलाये।। सेवा सुरत सब्द चित लाये।।

अर्थ:- गुरु साहिब जी फ़रमान करते हैं कि अगर कर्मो में हो तो वाहेगुरू जी हमे अपने सच्चे खालसे व गुरु से मिला देते हैं (क्योंकि खालसा गुरु जी का खास रूप है) जिनसे नद्रो द्वारा ध्यान में यानी सूरत में परमात्मा की प्रेम से देखने निहारने व शुक्र अदा करने की सेवा शब्द हरिकथा द्वारा मन को सुनने के लिए मिलती है के हमने कैसे नद्रो द्वारा सेवा करनी है जिससे फिर मन परमात्मा प्रकाश में सूरत यानी ध्यान जोड़ता है और साफ होता है।।

©Biikrmjet Sing #सतगुरु
करम होवै सतगुरु मिलाये।। सेवा सुरत सब्द चित लाये।।

अर्थ:- गुरु साहिब जी फ़रमान करते हैं कि अगर कर्मो में हो तो वाहेगुरू जी हमे अपने सच्चे खालसे व गुरु से मिला देते हैं (क्योंकि खालसा गुरु जी का खास रूप है) जिनसे नद्रो द्वारा ध्यान में यानी सूरत में परमात्मा की प्रेम से देखने निहारने व शुक्र अदा करने की सेवा शब्द हरिकथा द्वारा मन को सुनने के लिए मिलती है के हमने कैसे नद्रो द्वारा सेवा करनी है जिससे फिर मन परमात्मा प्रकाश में सूरत यानी ध्यान जोड़ता है और साफ होता है।।

©Biikrmjet Sing #सतगुरु