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green-leaves किसी ने रखा है बाज़ार में सजा के मुझे

green-leaves किसी ने रखा है बाज़ार में सजा के मुझे
कोई खरीद ले क़ीमत मेरी चुका के मुझे,

मैं ऐसी शाख हूं जिस पर न फूल पत्ते हैं
तू देख लेता कभी काश, मुस्कुरा के मुझे,

कसीदे पढ़ता हूं मैं उसकी दिलनवाज़ी के
ज़लील करता है अक़्सर जो घर बुला के मुझे!

©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #कोई_खरीद_ले...
 hindi poetry on life
green-leaves किसी ने रखा है बाज़ार में सजा के मुझे
कोई खरीद ले क़ीमत मेरी चुका के मुझे,

मैं ऐसी शाख हूं जिस पर न फूल पत्ते हैं
तू देख लेता कभी काश, मुस्कुरा के मुझे,

कसीदे पढ़ता हूं मैं उसकी दिलनवाज़ी के
ज़लील करता है अक़्सर जो घर बुला के मुझे!

©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #कोई_खरीद_ले...
 hindi poetry on life