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इस दिल को समझना किसी को आता नही है, मेरे भीतर कैसी

इस दिल को समझना किसी को आता नही है,
मेरे भीतर कैसी उथल पुथल है, किसी को समझाऊं तो समझाऊं कैसे।
कभी तो खुश हो जाता है, दिल किसी की छोटी बात पर,
कभी लग जाती है चोट, किसी को बताऊं तो बताऊं कैसे ।।

मेरा हमदर्द लोग बताते हैं, खुद को इस कदर,
मगर दर्द में कितना हुँ, ये उनको समझना नही आता।
मर सा जाता हूँ कभी कभी, इस बनावटी दुनिया को देख कर,
मैं भी एक इंसान ही हुँ, किसी को बताऊं तो बताऊं कैसे।।

खुशियों की तलाश में बस भटकता ही आया हूँ हमेशा, 
कितना दर्द है दिल मे, समझाऊं तो समझाऊं कैसे ।
थोड़ा समझ बैठता हुँ किसी को अपना, आखिर दिल ही तो ,
इसको भी तकलीफ होती है, किसी को दिखाऊँ तो दिखाऊँ कैसे।।

इस दिल को समझना किसी को आता नही है...

©shyam ji prajapati
  इस दिल को समझना किसी को आता नही है,
मेरे भीतर कैसी उथल पुथल है, किसी को समझाऊं तो समझाऊं कैसे।
कभी तो खुश हो जाता है, दिल किसी की छोटी बात पर,
कभी लग जाती है चोट, किसी को बताऊं तो बताऊं कैसे ।।

मेरा हमदर्द लोग बताते हैं, खुद को इस कदर,
मगर दर्द में कितना हुँ, ये उनको समझना नही आता।
मर सा जाता हूँ कभी कभी, इस बनावटी दुनिया को देख कर,

इस दिल को समझना किसी को आता नही है, मेरे भीतर कैसी उथल पुथल है, किसी को समझाऊं तो समझाऊं कैसे। कभी तो खुश हो जाता है, दिल किसी की छोटी बात पर, कभी लग जाती है चोट, किसी को बताऊं तो बताऊं कैसे ।। मेरा हमदर्द लोग बताते हैं, खुद को इस कदर, मगर दर्द में कितना हुँ, ये उनको समझना नही आता। मर सा जाता हूँ कभी कभी, इस बनावटी दुनिया को देख कर, #Poetry #Heart #yourquote #n9jotohindi

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