Nojoto: Largest Storytelling Platform

मुक्कमल इश्क़ की चाह थी पर मुझमें मै खुद बाकी ना र

मुक्कमल इश्क़ की चाह थी
पर मुझमें मै खुद बाकी ना रही

बाकी रही तो तनहाईयों की बेडिया
जैसे पैमाने में जाम साकी ना रही

लबों पे हसी बेपरवाह हुआ करती थीं
अब तो लबों पर हसी बाकी ना रही

आसमां अधूरा जैसे चांद के बिना
अधूरी चांदनी भी आसमां में आती जाती ना रही

गुस्ताखियां अपनों से की थी हमने उनकी खातिर
अब तो रिश्तों में भी वो मिठास बाकी ना रही

सजना संवरना भूल गई हो क्या इशू??
पहले वाली नूर तुम्हारे चेहरे पर बाकी ना रही


ishu....... #nojoto hindi#nojoto shayri#ishq
मुक्कमल इश्क़ की चाह थी
पर मुझमें मै खुद बाकी ना रही

बाकी रही तो तनहाईयों की बेडिया
जैसे पैमाने में जाम साकी ना रही

लबों पे हसी बेपरवाह हुआ करती थीं
अब तो लबों पर हसी बाकी ना रही

आसमां अधूरा जैसे चांद के बिना
अधूरी चांदनी भी आसमां में आती जाती ना रही

गुस्ताखियां अपनों से की थी हमने उनकी खातिर
अब तो रिश्तों में भी वो मिठास बाकी ना रही

सजना संवरना भूल गई हो क्या इशू??
पहले वाली नूर तुम्हारे चेहरे पर बाकी ना रही


ishu....... #nojoto hindi#nojoto shayri#ishq
smitaishu8349

smita@ishu

New Creator