पहली मोहब्बत दे दो इतना तो मुझको तुम आज हक़ दे दो। करनी है तुमसे मोहब्बत इज़हार–ए–मोहब्बत की तरकीब दे दो। ना चाहेगा कोई तुमको इतना जितना मैं तुमसे करती हूंँ। राह–ए–मोहब्बत में मुझको तुम अपनी मंज़िल दे दो। भर लो तुम अपनी बाहों में अपनी मुझको मोहब्बत की पनाह दे दो। दिल के मन मंदिर में मुझे बसने के लिए थोड़ी जगह दे दो। कहते हैं लोग पहली मोहब्बत के लिए दिल जिसे चुनता है। दिल पर ज़िन्दगी भर राज़ उसी का रहता है। ज़िन्दगी भर ना दिल पर राज़ करना मुझे बस ख्यालों में तुम मुझे याद रखना। दिल के किसी कोने में अपने मेरे लिए ताउम्र प्यार और इज्ज़त रखना। ♥️ Challenge-935 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।