“जो कुछ हूँ सामने हूँ, कुछ अंदर नहीं हूं मैं , ख़ादिम हूँ क़लंदर का, क़लंदर नहीं हूँ मैं , मुझ पर से गुज़र जाइए, ग़ौहर तलाशिए , मैं सिर्फ़ एक पुल हूँ, समंदर नहीं हूँ मैं..!” teri meri kahani