सिवाए उदासी के ही वास्ते अंधेरा कुछ और बनता रहा लहर आकर लौट गई थी वहां दुख कारोबार सा चलता रहा काम पे जाना फिर शाम लौटना उम्र गुज़ारने आदमी संभलता रहा सिर्फ़ जाल ही नहीं फंसा जाल में रोज़गार सारा भी वहीं मचलता रहा जिंदगियां अंधेरे के जिम्मे सी हो गयीं और ज़ालिम अपना वादा बदलता रहा False #false #promise #journey #shahbazwrites #passion4pearl #yqbaba #yqdidi #yqtales