नारी को पैर की जूती समझने के दौर को पीछे छोड़ चुका सभ्य समाज़ । नारी को बराबर का सम्मान दिलोंजान से सभी देने लगे आज ।। जूते मार के वसूलने की उपमा में ये भी ध्यान रहे । कहीं घरवाली इसे आचरण में,अख्तियार ही न कर ले ।। #मारीके #YourQuoteAndMine Collaborating with डॉ रोहित आनन्द "हिन्दू"