Nojoto: Largest Storytelling Platform

फिर से हुई थी मोहब्बत उसे कुछ महीनों पहले की ही तो

फिर से हुई थी मोहब्बत उसे कुछ महीनों पहले की ही तो बात थी,,
रूठने तक नहीं देता था लड़ाई तो बहुत दूर की बात थी।
मेरी एक तकलीफ पर ऐसे जताता था जैसे खुद की तकलीफ थी।
अब आज वो रात थी जो बीती उसकी किसी और साथ थी ।
बात न करने को की उसने झूठी बात थी।
भूल गया था वो ये भी की करनी कैसे बात थी।
कर के हर बात बर्दास्त उस रात की मैं खड़ी फिर भी साथ थी।
कही जब उससे मैं  तकलीफ में हूं
छोड़ दिया अकेला बस तन्हाई मेरे साथ थी।
करती रही फिर इंतजार घंटो घुटती रही जब मन ही मन,
की  फिर जब हमने ही थक के बात उससे ,
उल्टे जबाबों से करी जब मैने मुलाकात थी ,
जो समझता था हर घड़ी जो नहीं रहती दूर मुझसे दो घड़ी,
वो चार घंटे दूर कैसे रह पायेगी,
न रहना मुझसे ज्यादा देर दूर मुझसे तुम,
ये कल की ही तो बात थी।
सोचना समझना सब बंद किया उसने मेरे प्रति 
दिखाई अहंकार की मुझे भरमार थी।।
फिर रोई फिर चीखी फिर चिल्लाई 
हर दर्द जो  मेरा खुद से समझ जाता था
आज चिल्ला चिल्ला कर मैने समझाई थी।।
करने लगा जब बात औरों से प्यार से जैसे मेरे से की जाती थी
आज न सोचा उसने की मुझको बुरी लग जायेगी 
बता दिया मैने जब लग गया ये बुरा मुझको
तो न पता था कि ये भी कहा जा सकता था
तुझसे तो जैसे करता नही कह कर मेरी कीमत बताई गई थी।।
आज मेरी तकलीफ से उसे तकलीफ न थी ,
क्यों की रात किसी और साथ बीत जो रही थी ।
तोल दिया जब उसने मुझको औरों के साथ ,
उस रात हर  घड़ी मैं खुद ही खुद में टूट रही थी।
न था फर्क उसको अब की क्या कैसा मुझको लगता है ,
लगाकर मुझको बुरा उसको शायद खुशी मिल रही थी।

©Suditi Jha
  #Parchhai 
#hurt 
#Feeling 
#alone 
#Pain 
#SAD 
#लव 
#Hate