गर तुम हो अनकहे अल्फाज़, तो मैं तेरे जज़्बात प्रिये। तुम हो अगर सुबह की ताजी धूप, तो मैं भी ढलती शाम प्रिये।। #SHIVANGI ASTHANA SA ✒️❤️ ©Shivangi Asthana #priye