बैठे शिव शक्ति संग, भस्म हैं रमाएँ अंग महानाग वासुकी को गले लिपटाये हैं। तन सोहे गौर रंग, जटा जूट धारे गंग व्याघ्र चर्म प्रभु निज तन पे सजाये हैं। गौर वर्ण कंठ नील, शिव ग्रीवा सोहे ऐसे जैसे गौर चंद्र श्याम चिन्ह अपनाये हैं। देख छवि मनहर, महादेव हर हर कर जोड़ शरण तिहारी प्रभु आये हैं। #shiva #mahadev #poetry #poem #love #kavita बैठे शिव शक्ति संग, भस्म हैं रमाएँ अंग महानाग वासुकी को गले लिपटाये हैं। तन सोहे गौर रंग, जटा जूट धारे गंग व्याघ्र चर्म प्रभु निज तन पे सजाये हैं। गौर वर्ण कंठ नील, शिव ग्रीवा सोहे ऐसे जैसे गौर चंद्र श्याम चिन्ह अपनाये हैं।