फिर से आया... जीवन में रंगों का बेला है, फिर वही पुराने दोस्तों कि टोली,और अपना मोहल्ला है सबकी जुबां पर '' Hâppý HôŁí ''का हल्ला है इस बार भी रंग और गुलाल में सभी का हाथ सना है फिर वही पुराने दोस्तों कि टोली और अपना मोहल्ला....... कुछ अपने नहीं संग तोह? क्या हुआ,मुझे तो? बस उनकी यादों में ही इस बार खुद को रंगना है, हर बार हम जाते थे,उनकी दहलीज पर, इस बार अपने दिल की अवाज से .... अन्दरो ही अंदर हैप्पी होली कहना है फिर वही पुराने दोस्तों कि टोली और अपना मोहल्ला है वही पुराने दोस्तों कि टोली और अपना मोहल्ला है, कि.....? उस एक पागल के बिन जिन्दगी का सारा रंग अधूरा है, वो मिल जाए -गर- तो सब रंग पूरा है... आया जीवन में....... फिर से रंगों का बेला है, वही पुराने दोस्तों कि टोली और नन्हे पार्क नामक मोहल्ला है। ! यहीं विश्राम देता हूँ, अपनी पंक्तियों को मित्रों.... आप सब को दिल से H a p p Ý H ô Ł í लेख. ब्रजेश कुमार फिर से आया... जीवन में रंगों का बेला है, फिर वही पुराने दोस्तों कि टोली,और अपना मोहल्ला है सबकी जुबां पर '' Hâppý HôŁí ''का हल्ला है